Sunday, July 31, 2011

Kuch dil se

नयी दौर की नयी रीती ने , मुझको उलझा कर रखा है ...
जितना भी सुलझाऊं इसको , उतना ही उलझता जाता है ...
इस उधेरबुन दुनिया में , मतवाले यार कम मिलते है ...
इस तेज रफ़्तार वाली घडी में ,हम ठहाके खोते जाते है ...

Wednesday, February 23, 2011

घोटालो का युग

घोटालो का युग है आया ,
शराफत अब नक्कारी  है |
कौन करेगा जांच अब इनकी ,
सबके दिल में बेईमानी है |
पहले चारा , फिर कोयला ,
अब २-G  की बारी है |
घोटालो का युग है आया ,
शराफत अब नक्कारी है |
पैसे जमा हो स्विस बैंक में,
क्लीन चीट मिलना जारी है |
कौन करेगा जांच अब इनकी ,
सबके दिल में बेईमानी है |
प्रजातंत्र के चौथे खम्बे,
मीडिया की अब बारी है |
नेतायों के साथ मिलके ,
देश को लूटने की ठानी है |
कौन करेगा जांच अब इनकी ,
सबके दिल में बेईमानी है |
कलमाड़ी , राजा जैसे ,
जिस देश को चलने वाले हो ,
क्या जरूरत है उनको दुश्मनों की ,
जिनके पास ऐसे काफिर हो ...
घोटालो का युग है आया ,
शराफत अब नक्कारी  है |
कौन करेगा जांच अब इनकी ,
सबके दिल में बेईमानी है |